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सब कुछ ठीक रहता तो आज नहीं साल भर पहले ही मंईयां सम्मान योजना को धरातल पर उतार देताः हेमंत सोरेन

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द फॉलोअप डेस्कः 
आज पाकुड़ से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत की। डीबीटी की माध्यम से महिलाओं के खाते में पैसे भेजे गये। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज का यह दिन विशेष रूप में महिलाओं के लिए एक अनवरत और ना रूकने वाला योजना का शुभारंभ होने जा रहा है। कल रक्षाबंधन है। महिलाओं को, बहनों को अनेक उपहार मिलते हैं। भाई भी अपनी बहन की रक्षा के लिए संकल्पित होता है। इसी कड़ी में हमने बहुत सारी योजना चलाई है। जिसका लाभ गांव के गरीब गुरबा के लोग ले रहे हैं। महिलाएं कई तरह की चुनौतियों से जुझती रहती है घर की समस्या, बाहर की समस्या, परिवार की समस्या बच्चों की समस्या उनके लिए मैं काफी टाइम से सोच रहा था कि आधी आबादी के लिए हम कुछ विशेष करें। 


बहुत पहले ये दिन आ जाता
उन्होंने आगे कहा कि आज जो ये ऐतिहासिक दिन आया है। कई चुनौती इस ऐतिहासिक दिन को आने में हमें देखने को मिला। मुझे लगता है कि सब कुछ रहता तो ये आज नहीं साल भर पहले योजना को धरातल पर उतार देते। लेकिन कुछ समाज के दुश्मन, षडयंत्रकारी देश और राज्यों में घूम रहे हैं वह देश में हो रहे अच्छे काम को देखना नहीं चाहते। ऐन केन प्रकारेण उसपर रुकावट कैसे लगाया जाए उसपर ध्यान देते हैं। लेकिन हमलोगों ने हार नहीं मानी। आज गांव गुरबा के लोगों को यहां के आदिवासी, दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक उसका हक दिलाने के लिए हमने गांव गांव, घर-घर पंचायत पंचायत, टोला-टोला पदाधिकारियों को भेजकर आपकी समस्या का गठरी बनाकर अपने सरकार के पास मंगाए। और ज्यों ही उसका समाधान हम करने लगे इन बेईमानों ने मुझे जेल भेज दिया। 


सीएम ने आगेक कहा कि हम इससे पहले भी राज्य के अलग-अलग कोने में हम घूमा करते थे। उस समय हमारा शक्ल-सूरत चेहरा कैसा था। हम ऐसे दिखते थे क्या। अब देखों बूढ़ा जैसा दिख रहे हैं। लेकिन थोड़ा थोड़ा गुरुजी जैसा भी दिख रहे हैं। चलो गुरुजी का असली खून हैं। गुरूजी आदरणीय शिबू सोरेन ने इतने बड़े जमातों को संभाला तो ये लोग छोटा मोटा लोग है ये लोग को भी हमलगो निपट लेंगे। आज हमलोग शुरुआत करने आए हैं पाकुड़ जिला से। पूरे राज्य में ये शुभारंभ होने जा रहा है। ट्रायल के तौर पर हमने कभी 10 महिला को कभी 100 महिला को हमलोगों ने आज की इस योजना का लाभ पहुंचाया। हमलोगों ने देखा कि काम सही से चल रहा है या नहीं। क्योंकि इतना बड़ा समूह आधी आबादी के बीच हमारा पहुंचने का लक्ष्य है। 40 लाख महिलाओं का फॉर्म स्वीकृत हो गया है। थोड़ा सा और बाकी है। हमको लगता है 45-50 लाख महिलाओं तक पहुंच जाएंगे। हर महीने की 15 तारीख को पैसा पहुंच जाएगा। किसी घर में 2 महिलाएं है, 3 महिलाएं है 5 महिलाएं है तो कितना पैसा जाएगा।